संस्कृत एक जीवन्त भाषा है। यह भारत की आत्मा है । संस्कृत हमारे प्राचीन इतिहास को वर्तमान से जोडती है तथा भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है । विज्ञान से पहले ज्ञान का प्रादुर्भाव हुआ और यह ज्ञान संस्कृत भाषा मे ही निहित है ।
यह संस्कृत महाविद्यालय मेवात क्षेत्र का एकमात्र महाविद्यालय है यह 1972 से शास्त्री स्तर पर चल रहा है तथा 2002 से स्ववित्त पोषित योजना के अंतर्गत आचार्य स्तर पर चल रहा है| वर्तमान भवन श्री गिरधारी लाल गुप्ता ने अपनी माता जी की स्मृति में बनवाकर संस्कृत शिक्षा विभाग को समर्पित किया है | उसके बाद इसका नाम श्रीमती कलावती देवी माहवर राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय रखा गया|
संस्कृत ऐच्छिक विषय से कक्षा 12वी अथवा वरिष्ठोपाध्याय कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी इस महाविद्यालय की कक्षा शास्त्री प्रथम वर्ष में प्रवेश के पात्र है | आरक्षण कोटा राजस्थान सरकार के नियमानुसार निर्धारित है
सम्बद्ध विश्वविद्यालय :- जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर
यू.जी.सी. से मान्यता :- 2 F-14.09.1993, 12 B-14.09.0993
महाविद्यालय में संस्कृत साहित्य एवं व्याकरण के अलावा अन्य उपयोगी संदर्भ ग्रन्थ उपलब्ध है | जिनकी वर्तमान में कुल संख्या 6000 है|
महाविद्यालय भवन में बालक एवं बालिकाओ के लिए पृथक पृथक शौचालय की व्यवस्था है | भवन में बिजली, पानी की समुचित व्यवस्था है | विद्यार्थियों को अध्यापन के साथ साथ केरियर काउंसलिंग के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा भी दी जाती है | इसके अलावा संस्था में विद्यार्थियों को कंप्यूटर का ज्ञान भी कराया जाता है| महाविद्यालय में उपलब्ध खेल मैदान (1 बीघा 13 बिस्वा) में बालीबाल खो-खो बेडमिन्टन कबड्डी आदि खेल खेलने की सुविधा है | इन खेलों से सम्बन्धित आवश्यक सामग्री सहित क्रिकेट खेल की समस्त सामग्री की समुचित व्यवस्था है | छात्र छात्राओ हेतु पर्याप्त मात्र में फर्नीचर आदि उपलब्ध है|